प्यास तो मर कर भी नहीं बुझती ज़माने की,मुर्दे भी जाते जाते गंगाजल का घूँट मांगते है…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
प्यास तो मर कर भी नहीं बुझती ज़माने की,मुर्दे भी जाते जाते गंगाजल का घूँट मांगते है…!!