गरज बरस प्यासी धरती पर फिर पानी दे मौला
चिड़ियों को दाना , बच्चो को गुड़धानी दे मौला….
दो और दो का जोड़ हमेशा चार कहाँ होता है
सोच समझ वालो को थोड़ी नादानी दे मौला…..
फिर मूरत से बहार आकार चरों और बिखर जा
फिर मंदिर को कोई मीरा दीवानी दे मौला…
तेरे होते कोई किसी की जान का दुश्मन क्यों हो
जीनेवालों को मरने की आसानी दे मौला …..