तुमसे मिलने की तलब, कुछ इस तरह लगी है “साहब”;
जिस तरह से कोई मयकश, मयखाने की तलाश करता है !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तुमसे मिलने की तलब, कुछ इस तरह लगी है “साहब”;
जिस तरह से कोई मयकश, मयखाने की तलाश करता है !!