झील की चादर पे फैली मौत सी ख़ामोश उदासी देखता हूँ…
पानी के इतने पास हूँ पर बिन तेरे ज़िंदगी प्यासी देखता हूँ?
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
झील की चादर पे फैली मौत सी ख़ामोश उदासी देखता हूँ…
पानी के इतने पास हूँ पर बिन तेरे ज़िंदगी प्यासी देखता हूँ?