आप सो जाइये अब दिल के पुरे सुकून के साथ.. मुझे तो आपके ख्याल इस रात अभी और जगायेंगे..
Category: Zindagi Shayri
मुहब्बत मुक़म्मल होती तो
मुहब्बत मुक़म्मल होती तो ये रोग कौन पालता … अधूरे आशिक़ ही तो शायर हुआ करते हैं…
बहुत दिनों से
बहुत दिनों से जिन्हें ओढ़ा नहीं है कल उन रिश्तों को धूप दिखाने का मन है…
कुछ दरमियाँ नहीं
कुछ दरमियाँ नहीं है गर तेरे मेरे तो ये बेचैनियाँ क्यूँ हैं? लौट आओ कि कुछ रिश्ते बेरुखी से भी नहीं टूटा करते|
मिलती है मौजूदगी
मिलती है मौजूदगी उस खुदा की उसको जिसने जर्रे जर्रे में ,क़तरे क़तरे में तलाशा है उसको ।
जुदा नहीं कर पाएगा हमें..
फिर कोई जुदा नहीं कर पाएगा हमें…अगली बार आऊंगा मैं तेरे मजहब का बनके…
मेरे अज़ीज़ ही मुझ को
मेरे अज़ीज़ ही मुझ को समझ न पाए हैं, मैं अपना हाल किसी अजनबी से क्या कहती….
साथ जब भी छोडना
साथ जब भी छोडना मुस्कुराकर छोडना ताकि दुनिया ये न समझे हममे दूरी हो गई…
लफ़्ज़ों की गुजरिशो में
लफ़्ज़ों की गुजरिशो में ना उलझ मंज़र…. हर गुजारिश की आरज़ू जायज़ नही होती
मेरे दिल का करार था
मेरे दिल का करार था वो जो अब कही खो गया…. मैं बाहर ढूँढता रहा उसे के वो मुझमे ही सो गया|