सितारे सा टूट कर

सितारे सा टूट कर गिरूँगा कहीं एक दिन,पर तेरी सारी ख्वाहिशें पूरी करके जाऊंगा|

चुभते हुए ख्वाबों से

चुभते हुए ख्वाबों से कह दो की अब आया ना करे.. हम तन्हा तसल्ली से रहते है बेकार उलझाया ना करे..।।

तेरी याद ने

तेरी याद ने जख्मो से भर दिया सीना..!! हर एक साँस पर शक है आखिरी होगी..!!

मेने कहा था न…

मेने कहा था न…की मुझे अपने दिल में ही रहने दो,बेघर बच्चा…. आवारा हो जाता हे!!

बैठे थे अपनी मस्ती में

बैठे थे अपनी मस्ती में के अचानक तड़प उठे, आकर तेरे ख़्याल ने,अच्छा नहीं किया…

बहुत अजीब हैं

बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की… कोई किसी को टूट कर चाहता है, और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है..!!

ज़माना हो गया

ज़माना हो गया बिस्मिल, तेरी सीधी निगाहों पे , खुदा ना ख्वास्ता, तिरछी नज़र होती, तो क्या होता !!!

उससे खफा होकर

उससे खफा होकर भी देखेंगे एक दिन, कि उसके मनाने का अंदाज़ कैसा है..

जो फायदा उठाया हैं।

अपने लुटने का मुझको रंज नहीं, गम अगर है तो सिर्फ इतना,मेरे किरदार की शराफत से उसने जो फायदा उठाया हैं।

मैं क़तरा हो के भी

मैं क़तरा हो के भी तूफ़ाँ से जंग लेता हूँ मुझे बचाना समुंदर की ज़िम्मेदारी है|

Exit mobile version