तुमको खबर न हुई

तुमको खबर न हुई और जलके खाक हुआ, वह दिल जो तेरी मुहब्बत का आशियाना था।

गहराई हो जिनमें

गहराई हो जिनमें जमीनी, वही रिश्ते आसमानी होते हैं।

उसने चुपके से

उसने चुपके से मेरी आंखो पर हाथ रखकर पुछा बताओ कौन मै मुस्कुरा के धीरे से बोला मेरी ज़िन्दगी …

कुछ तुम कोरे कोरे से

कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से…एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से….!!!

पिघल सा जाता हूँ

पिघल सा जाता हूँ तेरी तस्वीर देख कर जरा छू कर बता ना कहीं मैं मोम तो नहीं..

कुछ तुम कोरे कोरे से

कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से… एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से….!!!

सब्र रखते हैं

सब्र रखते हैं , बड़े ही सब्र से हम वरना ज़िंदगी जीना ….कोई आसां तो नहीं……!!

जब जब भी

जब जब भी मैं बिखरा हूँ, दुगनी रफ़्तार से निखरा हूँ।

अचानक चौँक उठे

अचानक चौँक उठे नींद से हम, किसी ने शरारत से कह दिया सुनो, वो मिलने आई है।

जो जले थे हमारे लिऐ

जो जले थे हमारे लिऐ, बुझ रहे है वो सारे दिये, कुछ अंधेरों की थी साजिशें, कुछ उजालों ने धोखे दिये..

Exit mobile version