एक सुबह ऐसी भी हो.!

एक सुबह ऐसी भी हो.! जहाँ आँखे जिंदा रहने के लिये नही..!! पर जिंदगी जीने के लिये खुले…!!

अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का

अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का , सब को मंजिल का शौक है और मुझे रास्तों का .

शायद ‘Selfie’ इस बात का प्रमाण है

शायद ‘Selfie’ इस बात का प्रमाण है कि हम ज़िन्दगी में इतने अकेले रह गए हैं कि हमारे आस-पास हमारी फोटो खींचने वाले दोस्त भी नहीं बचे।

कर्मो से ही पहेचान होती है इंसानो की

कर्मो से ही पहेचान होती है इंसानो की… महेंगे ‘कपडे’ तो,’पुतले’ भी पहनते है दुकानों में !!..

जिंदगी समझ बैठे

जो मिलते हैं वो बिछड़ते भी हैं साहिब, हम नादान थे … एक शाम की मुलाकात को .. जिंदगी समझ बैठे ..

किसको बताएं कब से हम ज़िन्दगी के राही

किसको बताएं कब से हम ज़िन्दगी के राही फूलों की आरज़ू में काँटों पे चल रहे हैं

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती, अपना वजूद भूलाना पडता है,किसी को अपना बनाने के लिए.

इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए

कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की, हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती….!!!

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