ताकत दवाओं की

परखता रहा उम्र भर, ताकत दवाओं की, दंग रह गया देख कर, ताकत दुआओं की!!?

कमबख्त ये ज़िंदगी

जो लम्हा साथ हैं, उसे जी भर के जी लेना, कमबख्त ये ज़िंदगी, भरोसे के काबिल नहीं होती…

शायर वही हुए

रात रोने से कब घटी साहब बर्फ़ धागे से कब कटी साहब सिर्फ़ शायर वही हुए जिनकी ज़िंदगी से नहीं पटी साहब..

इन्तेहा कर दो

तुम बेशक अपने ज़ुल्म की इन्तेहा कर दो नां जाने फिर कोई हम सा बेजुबां मिले ना मिले.…”

कर्ज़े चुका दूं

सबके कर्ज़े चुका दूं मरने से पहले, ऐसी मेरी नियतं हैं, मौंत से पहले तूं भी बता दे ज़िन्दगी, तेरी क्या किमत हैं.”.

कुछ सालों बाद

कुछ सालों बाद ना जाने क्या होगा, ना जाने कौन दोस्त कहाँ होगा… फिर मिलना हुआ तो मिलेगे यादों में, जैसे सूखे हुए गुलाब मिले किताबों में.

मोहब्बत के ज़ख़्म

किसी भी मौसम में आकर खरीद लीजिये जनाब, मोहब्बत के ज़ख़्म यहाँ हर मौसम में ताज़ा मिलेंगे…

मिल जाता है

सुना है सब कुछ मिल जाता है खुदा कि दुआ से , मिलते हो अब खुद या मांग लू तुम्हें खुदा से ?

मुझे भी आता है

हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है। उन्हे कैसे समझाऊ की एक ख्वाब अधुरा है मेरा… वरना जीना तो मुझे भी आता है.

फिक्र तब होती है

जुबाँ न भी बोले तो, मुश्किल नहीं… फिक्र तब होती है जब… खामोशी भी बोलना छोड़ दें…।।

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