हँसी यूँ ही

हँसी यूँ ही नहीं आई है इस ख़ामोश चेहरे पर…..कई ज़ख्मों को सीने में दबाकर रख दिया हमने !

वो उम्र कम कर रहा था

वो उम्र कम कर रहा था मेरी मैं साल अपने बढ़ा रहा था

ताल्लुकात बढ़ाने हैं

ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो कुछ आदतें बुरी भी सीख लो..ऐब न हों.. तो लोग महफ़िलों में भी नहीं बुलाते…

न जाने कौन सी दौलत है

न जाने कौन सी दौलत है तेरे लफ़्ज़ों में, बात करते हो तो दिल खरीद लेते हो!

मेरी ख़ामोशी की

मेरी ख़ामोशी की ख्वाहिश भी तुम, मेरी मोहब्बत की रंजिश भी तुम….

जो जरा किसी ने

जो जरा किसी ने छेड़ा तो छलक पड़ेंगे आँसू.. कोई मुझसे ये ना पूछें मेरा दिल उदास क्यूँ है..

खतों से मीलों सफर करते थे

खतों से मीलों सफर करते थे जज़्बात कभी, अब घंटों बातें करके भी दिल नहीं मिलते…!

किसी के अंदर

किसी के अंदर जिंदा रहने की ख्वाहिश में … हम अपने अंदर मर जाते हैं …

कहाँ तलाश करोगे

कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा.., जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे…!!

कुछ हार गयी तकदिर

कुछ हार गयी तकदिर, कुछ टूट गये सपने, कुछ गैरो ने बरबाद किया, कुछ छोड़ गये अपने…!!

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