साथ थे तो शहर

साथ थे तो शहर छोटा था.. बिछडे तो गलिया भी लम्बी लगने लगी….

बस दिलों को जीतना ही

बस दिलों को जीतना ही जिंदगी का मकसद रखना वरना दुनिया जीतकर भी सिकंदर खाली हाथ ही गया…

तुमसे मिलने का हमने

तुमसे मिलने का हमने निकाल लिया एक रास्ता….. झांक लेते हैं दिल में …आँखों को बन्द करके…!

सब को आता नहीं

सब को आता नहीं,कानून से लड़ने का हुनर आस मजबूर की इंसाफ पे ठहरी देखी

कौन कमबख़्त चाहता है

कौन कमबख़्त चाहता है सुधर जाना हमारी ख़्वाहिश तुम्हारी लतों में शुमार हो जाना !

ज़मीं से हमें आसमाँ पर

ज़मीं से हमें आसमाँ पर बिठा के गिरा तो न दोगे अगर हम ये पूछें कि दिल में बसा के भुला तो न दोगे|

हमने आज खुद को

हमने आज खुद को आज़माने की कोशिश की, मोहब्बत से दिल को बचाने की कोशिश की.

हैं तो रिमझिम..

हैं तो रिमझिम.. फुहार से… जनाब की यादें.. मगर मूसलाधार हैं…

याद कर लेना मुझे

याद कर लेना मुझे तुम कोई भी जब पास न हो चले आएंगे इक आवाज़ में भले हम ख़ास न हों..

हम दिलफेक आशिक़ है

हम दिलफेक आशिक़ है, हर काम में कमाल कर दे क्या जरुरत है जानू को लिपस्टिक लगाने की हम चूम के ही होंठ उसके लाल कर दे

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