बन्द कर देता है “आँखे” अक्ल कि.. ” इश्क” जब वारदात करता है…!!
Category: Shayri-E-Ishq
एक आँसू कोरे काग़ज़ पर
एक आँसू कोरे काग़ज़ पर गिरा और, अधूरा ख़त मुक्कमल हो गया !!!
न ख़ुशी अच्छी है
न ख़ुशी अच्छी है ऐ दिल, न मलाल अच्छा है, यार जिस हाल में रखे, वही हाल अच्छा है।
मेरे ख्वाब में आना…
कुछ,अधूरी बातें..पूरी करनी है, तुम ,आज फिर मेरे ख्वाब में आना…
आँखे तक निचोड़ कर
आँखे तक निचोड़ कर पी गए… तेरे गम भी न, कितने प्यासे थे…
बहुत अलग सा है
बहुत अलग सा है मेरे दिल का हाल; एक तेरी ख़ामोशी और मेरे लाखों सवाल!
खूबसूरती न सूरत में है
खूबसूरती न सूरत में है न लिबास में…. निगाहें जिसे चाहे उसे हसीन कर दें|
भरोसे कितने भी
भरोसे कितने भी टूट जाये, मगर भरोसे की आदत नहीं ।
किसी खुदा का
किसी खुदा का दख़ल ना हो ज़िंदगी के लिये…, ख़याले-ए-यार ही काफी़ है बंदगी के लीये…!
कुछ खामोशियाँ भेज रहा हूँ..
कुछ खामोशियाँ भेज रहा हूँ… हो सके तो, कुछ अल्फ़ाज़ भर देना!!