फिर कहाँ का हिसाब रहता है ,., इश्क़ जब बेहिसाब हो जाये ,.,!!
Category: Shayari
तूने पलट के देख
यही बहुत है तूने पलट के देख लिया, ये लुत्फ़ भी मेरे अरमान से ज्यादा है.
वजह ना पूछो तो
अगर तुम वजह ना पूछो तो एक बात कहूँ!!! बिना याद किये तुम्हें अब रहा नहीं जाता है
कब इंसाफ़ करोगे
मुंसिफ़ हो अगर तुम तो कब इंसाफ़ करोगे मुजरिम हैं अगर हम तो सज़ा क्यूँ नहीं देते
हंसना भी आसान
रोने में इक ख़तरा है, तालाब नदी हो जाते हैं हंसना भी आसान नहीं है, लब ज़ख़्मी हो जाते हैं
चादर की ज़रूरत
मुफलिस के बदन को भी है चादर की ज़रूरत, अब खुल के मज़ारों पर ये ऐलान किया जाए.. क़तील शिफ़ाई
यह मन्नत की
मांग लूँ यह मन्नत की फिर यही जहाँ मिले….. फिर वही गोद फिर वही माँ मिले….
ऐतबार ना कीजिये
फूल भी दे जाते हैं ज़ख़्म गहरे कभी-कभी… हर फूल पर यूँ ऐतबार ना कीजिये…
शायर बनना है
मुझे शायर बनना है दोस्तो, क्या एक बेवफा से इश्क कर लूँ
अपने बारे में
खुद अपने वजूद का ख्याल खो बैठोगें, अपने बारे में जीयादा ना सोचना दोस्तों……..!