तुलसी ये तन

तुलसी ये तन खेत हैं, मन वचन कर्म किसान | पुण्य पाप ये दो बीज हैं, क्या बोना हैं ये तू जान ||

चलो चाँद का

चलो चाँद का किरदार अपना ले हम दोस्तों , दाग अपने पास रखे और रोशनी बाँट दे ||

उर्दू है मेरा

उर्दू है मेरा नाम मैं खुसरू की पहेली मैं मीर की हम-राज़ हूँ ग़ालिब की सहेली

जीना सिखा दिया…

अफसोस तो है तेरे बदल जाने का मगर, तेरी कुछ बातों ने मुझे जीना सिखा दिया…॥

दूर जाता गया !!!

बेगाना हमने तो नहीं किया किसी को… लेकिन जिसका दिल भरता गया वो दूर जाता गया !!!

ए मौसम तू

ए मौसम तू चाहे कितना भी बदल जा पर, इंसान के जैसे बदलने का हुनर तुझे कभी नही आएगा…॥

सिर्फ सिक्के थे

जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में …. जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए…

वो भगवान है

मंदिर में वो भगवान है जिसे हमनें बनाया, और घर में माँ बाप है जिन्होनें हमें बनाया…

उलझनों और कश्मकश में

उलझनों और कश्मकश में.. उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ.. ए जिंदगी! तेरी हर चाल के लिए.. मैं दो चाल लिए बैठा हूँ | लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी आँख – मिचोली का … मिलेगी कामयाबी, हौसला कमाल का लिए बैठा हूँ l चल मान लिया.. दो-चार दिन नहीं मेरे मुताबिक.. ये गहराइयां, ये… Continue reading उलझनों और कश्मकश में

कुछ शब्द हि

कुछ शब्द हि तो थी ये जिन्दगी मेरी ..तूने साथ मिलकर कहानी बना दी …!!

Exit mobile version