कौन चाहता है

कौन चाहता है खुद को बदलना.. किसी को प्यार तो किसी को नफरत बदल देती है..

जब तक तुम्हारे हाथ

सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहे.,. जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे.,, साखों से टूट जाये वो पत्ते नहीं हैं हम.,, आंधी से कोई कह दे के औकात में रहे.,.,!!!

एक दिन हम

एक दिन हम मिलेंगे सूखे गुलाबों में, बारिश की बूंदों में, कलम में, किताबों में ।।

हवाओं की भी

हवाओं की भी अपनी अजब सियासत है … कहीं बुझी राख……भड़का दे, कहीं जलते दीये बुझा दे……

अजीब शख्स हूँ

अजीब शख्स हूँ मैं, अजीब मिज़ाज़ में रहता हूँ.. … कर देता हूँ खुश सबको पर खुद उदास रहता हूँ ।

दर्द जब भी हुवा

दर्द जब भी हुवा इस क़दर हुआ.. के जेसे फिर कभी होना ही नहीं..!”

उसके क़दमों में

उसके क़दमों में बिछा दूं आँखें.. मेरी बस्ती से गुज़रे तो सही..!

ये ना समझ

ये ना समझ तेरे आसरे हूँ.. … इश्क़ की दुनिया का बाल ठाकरे हूँ ।

क्या हूआ अगर

क्या हूआ अगर लोग मेरे बारे मे गलत बात करते है, ये वो ही लोग है,जो कभी मेरी जान हुआ करते थे !!

यूँ बिन कुछ

यूँ बिन कुछ कहे.. सब कुछ कह देना, तेरा ये हुनर… सबसे जुदा है ।।

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