मै लिखता हूँ

मै लिखता हु शिकायते तेरी तु पढ़ती है मोहब्बत मेरी॥

मुश्किल वक़्त पे

मुझे जानू कहने वाली गर्ल फ्रेंड नही भी मिली तो चलेगा पर……. मुश्किल वक़्त पे भाई कहने वाला दोस्त होना चाइये….

नही है शिकवा

नही है शिकवा हमे किसी की बेरुखी से.. शायद हमे ही नही आता दिलो में घर बनाना..

हर बात पे

हर बात पे रंजिश, हर बात๑☆╮ पे हिसाब ______ ╰✰๑लगता है मैंने इश्क नहीं๑☆╮ नोकरी कर ली

बहुत थक जाता है

बहुत थक जाता है इंसान आशक़ी के बाजार में इश्क के हिस्से में भी एक इतवार आना चाइये

मैँ भी जिन्दा हूँ….

कितनी झुठी होती है, मोहब्बत की कस्मेँ….।” देखो तुम भी जिन्दा हो, मैँ भी जिन्दा हूँ….॥

यूँ ना देखा

यूँ ना देखा करो ….खुदा के लिए , मोहब्बत बढ़ गई तो मुसीबत हो जाएगी…

दिल का राज है

दिल का राज है लेकिन तुम्है बतला रहा हूँ मैँ “” “” जिसे खुद भी नही मालुम उसी को चाह रहा हूँ…

दिल को बेचैन

दिल को बेचैन सा करती है तुम्हारी आंखें…! • रात को देर तक तुम मुझे सोचा ना करो..

दिल किसी से

दिल किसी से तब ही लगाना जब दिलों को पढ़ना सीख लो, हर एक चेहरे की फितरत मैं वफादारी नहीं होती.

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