मज़ा आता अगर

मज़ा आता अगर गुजरी हुई बातों का अफ्साना, कहीं से तुम बयां करते, कहीं से हम बयां करते।।

ज़रा सी उम्र में

ज़रा सी उम्र में किस किस का हल तलाश करें, खड़े हैं रास्ता रोके हुए हज़ार सवाल…

सहर को खोज

सहर को खोज चराग़ों पे इंहिसार न कर, हवा से दोस्ती रख उस का ऐतबार न कर…

इश्क़ की दुनिया में

इश्क़ की दुनिया में क्या क्या हम को सौग़ातें मिलीं, सूनी सुब्हें रोती शामें जागती रातें मिली…

जो हम पे गुज़री है

जो हम पे गुज़री है शायद सभी पे गुज़री हो, फ़साना जो भी सुना कुछ सुना सुना सा लगा…

सफ़र में धूप

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो, सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो…

रोते-रोते थक कर

रोते-रोते थक कर जैसे कोई बच्चा सो जाता है…. सुनो, हाल हमारे दिल का अक्सर कुछ ऐसा ही हो जाता है|

प्यार अपनों का

प्यार अपनों का मिटा देता है ,इंसान का वजूद , जिंदा रहना है तो गैरों की नज़र में रहिये…….

मैंने कल शब चाहतों की

मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दी, सिर्फ एक कागज़ पर लफ्जे माँ रहने दिया …..

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