किस तरह करे

किस तरह करे हम खुद को तेरे प्यार के काबिल…. हम आदत बदलते है तो तुम शर्त बदल देते हो….

गुजार दी पूरी

गुजार दी पूरी रात तेरे ख्यालों की बाहों में देख के खफा हो गई इश्क जो थी तेरी पनाहों में !!

शब्दों की प्यास

शब्दों की प्यास किसी और को होगी मुझे तो उसकी ख़ामोशी से ही इश्क है

कौनसा ज़ख़्म था

कौनसा ज़ख़्म था जो ताज़ा ना था, इतना गम मिलेगा अंदाज़ा ना था, आप की झील सी आँखों का क्या कसूर, डूबने वाले को ही गहराई का अंदाज़ा ना था |

दिल में ना हो

दिल में ना हो ज़ुर्रत तो मुहब्बत नहीं मिलती ख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती|

ये शख़्स हमें

ये शख़्स हमें चैन से जीने नहीं देगा, तनहाइयां कहती हैं इसे घर से निकालो !

आज कल लोगों के

आज कल लोगों के पास एक ही काम रह गया है… किसी के करीब आकर उनसे दूर चले जाना|

लफ़्ज़ों पे वज़न

लफ़्ज़ों पे वज़न रखने से नहीं झुकते मोहब्बत के पलड़े साहिब… हलके से इशारे पे ही ज़िंदगियां क़ुर्बान हो जाती हैं….

दो चार नहीं

दो चार नहीं मुझे सिर्फ एक ही दिखा दो साहब, वो शख्स जो अन्दर से भी बाहर की तरह दिखता हो

मुझे तुझको चाहने के

मुझे तुझको चाहने के लिए जरूरी नही तुम सामने रहो हर पल…सुनों एक ख्याल ही काफी है तुम्हारा

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