वक़्त मिला उसे तो

वक़्त मिला उसे तो हमें भी याद कर ही लेगा वो, फ़ुरसत के लम्हों में हम भी बड़े ख़ास हैं उसके लिए…

यूँ तो हमारे बीच

यूँ तो हमारे बीच …कोई दूरियां न थी. हमारे बेरुखी ने… बीच मीलों फासले किये..

उस बरसात में

तू भेज रंग मुहब्बत के वहाँ से हम भीगेगे उस बरसात में यहां से……..

कितना गहरा है

मुझमें डूबोगे नहीं तो भला जानोगे कैसे ? दर्द का समुन्दर आखिर कितना गहरा है

उलझने क्या बताऊँ

उलझने क्या बताऊँ ज़िंदगी की.. तेरे ही गले लगकर, तेरी ही शिकायत करनी है मुझे..

तुम ने वादा किया था

तुम ने वादा किया था मेरे संग चलने का …. फिर ये फन कहाँ से सीखा रास्ता बदलने का …

झूठ बोलने का रियाज़

झूठ बोलने का रियाज़ करता हूँ, सुबह और शाम में; सच बोलने की अदा ने हमसे कई अज़ीज़ छीन लिए।

बहुत कम लोग

दुनिया में बहुत कम लोग, आपका दुःख समझते है बाकी तो सब कहानी सुनना पसंद करते है.

तुमसे मिलने की तलब

तुमसे मिलने की तलब, कुछ इस तरह लगी है “साहब”; जिस तरह से कोई मयकश, मयखाने की तलाश करता है !!

ख़ुशी दे या गम दे दे

ख़ुशी दे या गम दे दे मग़र देते रहा कर तू उम्मीद है मेरी… तेरी हर चीज़ अच्छी लगती है…

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