खूबसूरती न सूरत में है न लिबास में…. निगाहें जिसे चाहे उसे हसीन कर दें|
Category: Hindi Shayri
भरोसे कितने भी
भरोसे कितने भी टूट जाये, मगर भरोसे की आदत नहीं ।
एक लम्हे में
एक लम्हे में बिखर जाता है ताना-बाना और फिर उम्र गुज़र जाती है यकजाई में
किसी खुदा का
किसी खुदा का दख़ल ना हो ज़िंदगी के लिये…, ख़याले-ए-यार ही काफी़ है बंदगी के लीये…!
जल्वा-ए-जानाना
जल्वा-ए-जानाना फिर ऐसी झलक दिखला हसरत भी रहे बाक़ी अरमाँ भी निकल जाए|
अल्फाज बेचने हैं
अल्फाज बेचने हैं जज्बातों के कीमत गुजरा समय है…खरीद लो अब
अगर प्यार तुझसे
अगर प्यार तुझसे ना किया तो, मोहब्बत बुरा मान जाएगी ।
कुछ खामोशियाँ भेज रहा हूँ..
कुछ खामोशियाँ भेज रहा हूँ… हो सके तो, कुछ अल्फ़ाज़ भर देना!!
हम तुम्हें मुफ़्त में
हम तुम्हें मुफ़्त में जो मिले हैं, क़दर ना करना हक़ है तुम्हारा..
शिद्दत ए चाहत
शिद्दत ए चाहत का तकाज़ा देख होके दूर भी वो मेरे पास रहता है|