आधे से कुछ ज्यादा है, पूरे से कुछ कम… कुछ जिंदगी… कुछ गम, कुछ इश्क… कुछ हम…
Category: Hindi Shayri
दिल की धडकनों
दिल की धडकनों में अचानक ये इज़ाफा कैसा….. उसके होंठो पे कहीं नाम हमारा तो नही.
ताल्लुक भी खत्म
काश..! निगाहे फेर लेने से… ताल्लुक भी खत्म हो जाते..!!
मेरा भी वक्त आएगा
छत , इतवार , परिंदे , पेड , किताब , कलम , शाम … मैंने कहा था ना मेरा भी वक्त आएगा .!!
खुल सकती हैं
खुल सकती हैं रुमाल की गांठें बस ज़रा से जतन से मगर, लोग कैंचियां चला कर, सारा फ़साना बदल देते हैं.. !!!
अपना क्या है
जब से उस ने शहर को छोड़ा हर रस्ता सुनसान हुआ अपना क्या है सारे शहर का इक जैसा नुक़सान हुआ
गुलाबों को नहीं
गुलाबों को नहीं आया अभी तक इस तरह खिलना.., सुबह को जिस तरह वो नींद से बे’दार होती है….
जिंदगी पर बस
जिंदगी पर बस इतना ही लिख पाया हूँ मैं…. बहुत मजबूत रिश्ते थे मेरे…. पर बहुत कमजोर लोगों से…..
मुझे बदल दिया
तुझे शिकायत है कि मुझे बदल दिया वक़्त ने…!कभी खुद से भी सवाल कर’क्या तूं वही है’…….?
ये सस्ती नहीं
ज़माने तेरे सामने मेरी कोई हस्ती नहीं,लेकिन कोई खरीद ले इतनी भी ये सस्ती नहीं…