Wo Kitna Meharban Tha

Wo Kitna Meharban Tha, Ke Hazaron Ghum De Gaya, Hum Kitne Khud Gharz Nikle, Kuch Na De Sakay Pyar Ke Siwa…

हमेशा नहीं रहते

हमेशा नहीं रहते सभी चेहरे नकाबो में ….!!! हर एक किरदार खुलता है कहानी ख़तम होने पर….!!””

नए कमरों में

नए कमरों में अब चीज़ें पुरानी कौन रखता है परिन्दों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है

उन चराग़ों में तेल

उन चराग़ों में तेल ही कम था क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे

कोशिश करते तो

खता इतनी थी कि उनको पाने की कोशिश की,,, अगर छिनने की कोशिश करते तो बेशक वो हमारे होते..

तेरी तो फितरत थी

तेरी तो फितरत थी सबसे बात करने कि,और हम बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे…

इस बाज़ार को

खोल बैठे हैं दुकान हुस्न फरोशी की कुछ लोग इस बाज़ार को नाम इश्क़ का देते हें

जानते हुए भी

अकसर हकीकत जानते हुए भी, सहारा-ए-फसाना लिये जा रहे हैं …!

बगावत तो कर

तु जमाने से बगावत तो कर, सारी दुनिया से लड़ने के हमारे ईरादे है,, होगी तू हसीन राजकुमारी तो क्या हुआ हम भी बिगडे शहजादे है.

Jaha Diwaro me

Jaha Diwaro me Darar Par Jaati Waha Diwar Gir Jati Hai. Aur Jaha Rishto Me Darar Par Jaati He Waha Diwar Khari Ho Jati Hai.

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