आसान सा रास्ता है

आसान सा रास्ता है बदनाम होने का यारो , ज्यादा कुछ नही फ़कत मोहब्बत कर लो…

तुम्हारी ये आम सी

तुम्हारी ये आम सी बातें,…. मुझे बहुत ख़ास लगती है……!!

बहा के आंसू

बहा के आंसू कल रात माँगा था उसे मगर अफ़सोस फरिश्तो ने कहा शर्त-ए-कबुलियत ये है की दुआ दोनों तरफ से हो

किसी ने पूछा

किसी ने पूछा तुम्हारी सबसे बड़ी “गलतफहमी” क्या थी… मैँने हँसकर कहा की उस पर विशवास करना।

हर शाम उड़ते परिंदों को

हर शाम उड़ते परिंदों को देखकर दिल से ये दुआ निकलती है, कि घर किसीका न उजड़े ज़िन्दगी तलाश करते-करते !!

माँग रही थी

माँग रही थी कामवाली बाई थोड़े ज्यादा पैसे बहू ने थोड़ा प्यार दिखाकर अपनी सास को गाँव से बुला लिया…

हर रंग लगा के

हर रंग लगा के देखा चेहरे पर रंग उदासी का उतरा ही नही..!!

इरादे बाँधता हूँ

इरादे बाँधता हूँ सोचता हूँ तोड़ देता हूँ कहीं ऐसा न हो जाए कहीं वैसा न हो जाए

ज़माना बहुत तेज़ चलता है

ज़माना बहुत तेज़ चलता है साहेब… मैं एक दिन कुछ ना लिखूँ…लोग मुझे भूलने लगते हैं|

जिस दिन सादगी

जिस दिन सादगी, श्रुंगार हो जाएगी… उस दिन, आईनों की हार हो जाएगी..!!

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