मेरी बात मानो

मेरी बात मानो तो छोड़ दो ये मोहब्बत करना, हर हकीम ने हाथ जोड़ लिये है इस मर्ज से !!

तुम जरा सी

तुम जरा सी कम खूबसूरत होती, तो भी बहोत खुबसूरत होती !!

तू जिस दिन करेगा याद

तू जिस दिन करेगा याद मेरी मोहब्बत को, बहुत रोयेगा उस दिन खुद को बेवफा कह के !!

तुम्हें ख़बर नहीं है

तुम्हें ख़बर नहीं है तुम्हें सोचने की ख़ातिर बहुत से काम हम कल पर छोड़ देते है|

आओ कभी यूँ

आओ कभी यूँ भी मेरे पास कि, आने में .. लम्हा और जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाए !!!!

सिर्फ साँसों का

सिर्फ साँसों का चलने का नाम ही जिंदगी है, तो मेरा नाम भी जीने वालों में लिखना !!

कोशिश बहुत की

कोशिश बहुत की के राज़-ए-मौहब्बत बयाँ न हो !! पर मुमकिन कहां है के आग लगे और धुआँ न हो ।

मुस्कुराकर फैर ली

मुस्कुराकर फैर ली उसने नज़र, रस्मे उल्फ़त यूँ निभाई और बस।

हमे कहां मालूम था

हमे कहां मालूम था कि इश्क होता क्या है…? बस…. एक ‘तुम’ मिली और जिन्दगी…. मोहब्बत बन गई|

मै रंग हुँ

मै रंग हुँ तेरे चेहरे का…. जितना तू खुश रहेगा उतना ही मै निखरती जाऊँगी.!!

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