हमने कब कहा

हमने कब कहा…. हमारी हर बात समझो तुम मग़र अपना समझकर… कुछ तो मेरे हालात समझो तुम…

ये दुनिया वाले भी

ये दुनिया वाले भी बडे अजीब है… दर्द आँखो से निकले तो ‘कायर’ कहते हैं…, और बातों से निकले तो ‘शायर’ कहते है।

मेरा आईऩा भी

मेरा आईऩा भी अब मेरी तरह पागल है, आईना देखने जाऊं तो नज़र आप आते है

हमें ये लगने लगता है

जब हमें ये लगने लगता है की वो हमें कभी नहीं मिल सकते… तब ना जाने क्यों उनसे मोहब्बत और बढ़ने लगती है…

अपने लिए आदर कमाओ

अपने लिए आदर कमाओ, आकर्षण नहीं … इसकी अवधि अधिक लंबी है॥

हवाओ को आजमा ले

कह दो इन हवाओ को आजमा ले किसी दिन शौक से हमें…. ये चिराग हम तेल से नहीं ..तेरे आने की उम्मीदों से जलाया करते हैं… !!

आइना और दिल

आइना और दिल वैसे तो दोनो ही बडे नाज़ुक होते है , लेकिन आइने मे तो सभी दिखते है और दिल मे सिर्फ अपने दिखते है

ये मेहरबानी है

आँखों में दोस्तो जो पानी है हुस्न वालों की ये मेहरबानी है | आप क्यों सर झुकाए बैठे हैं क्या आपकी भी यही कहानी है |

यूँ ज़िद्दी हैं

यूँ ज़िद्दी हैं तेरी यादें,जैसे बच्चे अमीरों के |

अकेले रोना भी

अकेले रोना भी क्या खूब कारीगरी है ऐ दोस्त सवाल भी खुद का रहता है और जवाब भी खुद का

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