थोडा कम है…

यकीनन इश्क़ लाजवाब है… पर दोस्ती से थोडा कम है…

तुमने धड़कना सीखा दिया

दिल की नाजुक धड़कनोँ को मेरे सनम तुमने धड़कना सीखा दिया । जब से मिला है तेरा प्यार दिल को गम मेँ मुस्कुराना सीखा दिया ॥

मंज़िले तो कब से

मंज़िले तो कब से हाथ फैलाये खड़ी है,उन्हें बस तेरी रवानगी की जरुरत है, बस याद रखना है मेरे यार इतना ,ये वो राहें है, जिन्हें तेरी दीवानगी की जरुरत है|

एक अरसा हुआ कि

एक अरसा हुआ कि दिल खोला नहीं किसी के आगे..! इन कामकाज़ी शहरों में एक इश्तहार से हैं हम..!!

उसने मेरी महोब्बत का

उसने मेरी महोब्बत का, इस तरह तमाशा किया, कि हम मरते है उनके प्यार मे, और वो हसते रहे मेरी दीवानगी पर…

महसूस जब हुआ कि

महसूस जब हुआ कि सारा शहर, मुझसे जलने लगा है, तब समझ आ गया कि अपना नाम भी, चलने लगा है |

ज़िंदगी में आईना

ज़िंदगी में आईना जब भी उठाया करो.. “पहले देखो ” फिर “दिखाया करो ……..

घमण्ड से भी अक्सर

घमण्ड से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते.. कसूर हर बार गलतियों का नहीं होता..

याद आते हैं

याद आते हैं तो कुछ भी नहीं करने देते; अच्छे लोगों की यही बात बहुत बुरी लगती है ।

नाकाम रहो तुम

लगे हो ना तुम भूल जाने में मुझे ! एक मासूम सी दुआ है नाकाम रहो तुम…!

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