कुछ ‘ख्वाहिशों का अधूरा’ रह जाना ही ठीक है जिन्दगी ‘जीने की ख्वाहिश’ बनी रहती है…
Category: शायरी
तेरे दीवाने में है
गजब सी आग तेरे दीवाने में है, कल तेरी यादों से ज़मानत पे छुटा.. आज फिर तेरी यादों के थाने में है…..!!
आवाज गूँजती है
आवाज गूँजती है कानों में उसकी… जिसे खामोशी पहने अरसा हो गया…
कागज पर लिखता रहा
मै तो कागज पर लिखता रहा ना जाने कैसे उसके दिल पर छपता रहा!..
हादसा ये हुआ
हादसे से बड़ा हादसा ये हुआ, लोग ठहरे नहीं हादसा देख कर ।
अंदाज़ भी अजब हैं
इस शहर के अंदाज़ भी अजब हैं साहब गूंगों से कहा जाता है बहरों को पुकारो |
तू तो मेरे बाद हुआ
तू तो मेरे बाद हुआ तनहा, हम तो तेरे साथ भी अकेले थे!
रातभर ये उधम मचाएगी
अब रातभर ये उधम मचाएगी, ख्वाहिशें दिन में खूब सोई है…
मैं रहा उम्र भर जुदा
मैं रहा उम्र भर जुदा ख़ुद से… याद मैं ख़ुद को उम्र भर आया…
मोहब्बत का असर
मोहब्बत का असर कुछ इस तरह जिन्दा कर देता हूँ मैं मीत, …बेवफाओं को भी गले लगाकर शर्मिंदा कर देता हूँ !!