ये दुनिया अक्सर सस्ते में उन्हें लूट लेती है; खुद की क़ीमत का जिन्हें अन्दाज़ा नहीं होता!
Category: शायरी
दिल का हर घाव
दिल का हर घाव भरने लगता है तेरी आवाज़ है कि मरहम है|
नींद तो अब भी बहुत
नींद तो अब भी बहुत आती है मगर… समझा बुझा के मुझे उठा देती हैं ज़िम्मेदारियां…!
हज़ार बार माँगा करो
हज़ार बार माँगा करो तो क्या हांसिल , दुआ वहीं है जो दिल से कभी निकलती हैं|
तज़ुर्बा मेरा लिखने का
तज़ुर्बा मेरा लिखने का बस इतना सा है मैं सुनता हूँ वाह वाह अपनी ही तबाही पर
शहर का तब्दील होना
शहर का तब्दील होना शाद रहना और उदास रौनक़ें जितनी यहाँ हैं औरतों के दम से हैं|
उम्र भर धुप लपेटे रहे
उम्र भर धुप लपेटे रहे तन से अपने.. हमसे पहनी ना गयी उसकी उतारी हुई शाम …!!
रिश्तों की कोई और किताब
मुझे सीखाओ ना रिश्तों की कोई और किताब! पढीं है…..बाप के चहरे की….. झुर्रियां मैने…
नाज़ुक मिजाज है
नाज़ुक मिजाज है वो परी कुछ इस कदर.. पायल जो पहनी पाँव मै तो छम-छम से डर गई..
तू बेवफ़ा है
सुनो जान… तू बेवफ़ा है तो इक बुरी ख़बर सुन ले कि इंतज़ार मेरा दूसरा भी करता है|सुनो जान… तू बेवफ़ा है तो इक बुरी ख़बर सुन ले कि इंतज़ार मेरा दूसरा भी करता है|