कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा, सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था…!!!
Category: शायरी
इन्तहां लिखी इकरार लिखा
इन्तहां लिखी इकरार लिखा, पल पल का इंतज़ार लिखा, तेरी यादों को दिल में बसा के, हर रोज़ तुझे पैगाम लिखा… सूने सूने तुझ बिन जीवन को, पतझड़ का मौसम लिखा, तेरी यादों के नील गगन में, तन्हा कोई मंज़र लिखा… तुझ बिन चलती इन सांसो को, निष्प्राण कोई जीवन लिखा, मेरे खयालों के हर… Continue reading इन्तहां लिखी इकरार लिखा
फासला नज़रों का
फासला नज़रों का धोखा भी हो सकता है। वो मिले ना मिले तुम हाथ बढ़ा कर देखो|
क्यों कोई मेरा इंतज़ार करेगा
क्यों कोई मेरा इंतज़ार करेगा, अपनी ज़िंदगी मेरे लिए बेकार करेगा, हम कौन सा किसी के लिए ख़ास है, क्या सोच कर कोई हमें याद करेगा !!
मुमकिन नहीं है
मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए, किस्से लिखना……….!! मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी, महफ़िल सजाना सीख लो…….!!
खुद ही दे जाओगे
खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है..! वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!
मेरी न सही
मेरी न सही तो तेरी होनी चाहिए…. तमन्ना किसी एक की तो पूरी होनी चाहिए…!!
दिल तोड़ के जाने वाले
दिल तोड़ के जाने वाले सुन ! दो और भी रिश्तें बाक़ी हैं एक सांस की डोरी अटकी है एक प्रेम का बंधन बाक़ी है
लफ्ज लफ्ज जोड़कर
लफ्ज लफ्ज जोड़कर बात कर पाता हूं उसपे कहते हैं वो कि, मैं बात बनाता हूं….
कर्म भूमि पर
कर्म भूमि पर फल के किये श्रम सबको करना पड़ता है.. रब सिर्फ लकीरें देता है, रंग हमें खुद भरना पड़ता है !!