हाथों की सफाई है

ज़मूरे ने कहा-सारा तमाशा पेट की खातिर कोई जादू नहीं है सिर्फ हाथों की सफाई है

एक किश्त ज़िन्दगी

एक किश्त ज़िन्दगी की और भर दी है आज.. एक खाता मौत का बस खुलवाना बाकी है..

मेरी कमजोरी मत समझना

मेरी नरमी को मेरी कमजोरी मत समझना ए _नादान सर झुका के चलता हु तो सिर्फ़ अल्लाह के ख़ौफ़ से

दर्द का रिश्ता

बड़ा है दर्द का रिश्ता, ये दिल ग़रीब सही तुम्हारे नाम पे आयेंगे ग़मगुसार चले चले भी आओ… हुज़ूर-ए-यार हुई दफ़्तर-ए-जुनूँ की तलब गिरह में लेके गरेबाँ का तार तार चले चले भी आओ… गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले क़फ़स उदास है यारों, सबा से कुछ… Continue reading दर्द का रिश्ता

अब भी अंदाज़ मेरे

मत देखो, ऐसी नज़रों से, मुझको अय! हमराज़ मेरे . मेरा शरमाना, ज़ाहिर कर देता है सब राज़ मेरे. कितनी बार मशक्क़त की, पर सीधी माँग नहीं निकली. लगता है कल रूठे साजन, अब भी हैं नाराज़ मेरे. बरसों पहले, डरते – डरते ,बोसा एक चुराया था. आज तलक कहती हैं के ‘जानम हैं धोखेबाज़… Continue reading अब भी अंदाज़ मेरे

मशहूर थे जो लोग

मशहूर थे जो लोग समंदर के नाम से आँखे मिला नहीं पाए मेरे खाली जाम से ऐ दिल ये बारगाह मोहब्बत की है यहाँ गुस्ताखियाँ भी हो तो बहुत एहतराम से मुरझा चुके है अब मेरी आवाज़ के कँवल मैंने सदाएं दी है तुझे हर मक़ाम से कुछ कम नहीं है तेरे मोहल्ले की लड़कियां… Continue reading मशहूर थे जो लोग

जहान की खिलावट

जहान की खिलावट में जुलूल नहीं आएगा, गम-ए-तोहीन से कुबूल नहीं आएगा, मक्लूल की इबरात है, यह कुर्फा ग़ालिब, तुम पागल हो जाओगे पर यह शेर समझ नहीं आएगा….

जीत से होती है

उसकी जीत से होती है खुशी मुझको, यही जवाब मेरे पास अपनी हार का था…॥

गुड़ियों से खेलती

गुड़ियों से खेलती हुई बच्ची की गोद में आंसू भी आ गया तो समंदर लगा हमें

एक ज़रा सी

एक ज़रा सी जोत के बल पर अंधियारों से बैर पागल दिए हवाओं जैसी बातें करते हैं

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