उन परिंदो को क़ैद करना मेरी फ़ितरत में नही… जो मेरे पिंजरे में रह कर दूसरो के साथ उधना पसंद करते है…!!!
Category: याद
उसने मुझे एक
उसने मुझे एक बार क्या देखा ।। हमने सौ बार आऐना देखा।।
झाँक रहे है
झाँक रहे है इधर उधर सब, अपने अंदर झांकें कौन , ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ में कमियां, अपने मन में ताके कौन..
आओ नफरत का किस्सा
आओ नफरत का किस्सा, दो लाइन में तमाम करें, दोस्त जहाँ भी मिले, उसे झुक के सलाम करें|
मैं कर तो लूँ
मैं कर तो लूँ मुहब्बत फिर से मगर याद है दिल लगाने का अंजाम अबतक|
ना कहने से
ना कहने से होती है , ना सुनाने से, ये जब शुरू होती है तो बस मुस्कुराने से….
जमीर का फ़क़ीर
जमीर का फ़क़ीर ना सही, बेअक्ल या सग़ीर नहीं हूँ मैं । दौलत से अमीर ख़ुदा ने नवाजा नहीं, मगर दिल का गरीब नहीं हूँ मैं |
मैं रिश्तों का जला हुआ
मैं रिश्तों का जला हुआ हूँ दुश्मनी भी फूँक – फूँक कर करता हूँ |
तेरा वजूद कायम है
तेरा वजूद कायम है मुझ में उस बूँद की तरह जो गिर कर सीप में इक दिन मोती बन गयी |
सच्ची महोब्बत को
सच्ची महोब्बत को कब मुकाम मिला न मीरा को मोहन मिला न राधा को श्याम मिला|