तुम क्युँ मरते हो मुझ पे, मैँ तो जिन्दा ही तुम से हुँ….!!
Category: बेवफा शायरी
ज़ुल्फों में छिपा रखे हो
ज़ुल्फों में छिपा रखे हो कोई खंज़र वंज़र भूल कर भी मत जाना इन बेवफाओ के क़रीब|
गली से गुज़रने का
गली से गुज़रने का एक वक़्त मुक़र्रर कर लो, दीवार से खड़े खड़े मेरे पैर दुखने लगते है!!
जिंदगी की राह
उसके ख़याल उसके तसव्वुर का शुक्रिया …. कि जिंदगी की राह कुछ आसान हो गई !!
मैं ख़ुद को
मैं ख़ुद को भूलता जाता हूँ और ऐसे में तिरा पुकारते रहना बड़ा ज़रूरी है|
मैं अगर खत्म भी हो जाऊँ
मैं अगर खत्म भी हो जाऊँ इस साल की तरह… तुम मेरे बाद भी संवरते रहना नए साल की तरह…!!!
सुलझे-सुलझे बालों वाली
सुलझे-सुलझे बालों वाली लड़की से कोई पूछे तो, . . उलझा-उलझा रहने वाला लड़का कैसा लगता है.!!
मै बिक जाऊँगा
मै बिक जाऊँगा बस तुम खरीद लेना, सुना है, बेवफाओ के शहर में थोक के भाव मोहब्बत नीलाम होती है|
बड़ी मुश्किल से
बड़ी मुश्किल से सीखी थी बेईमानी हमने सब बेकार हो गयी.. अभी तो पूरी तरह सीख भी ना पाए थे के सरकारें ईमानदार हो गयी ।
काश कि कोई मिल जाये.
काश कि कोई मिल जाये……. इस जहाँ में तुम सा दूसरा।