जीवन का कड़वा सच ∥ गरीब आदमी जमीन पर बैठ जाए तो वो जगह उसकी औकात कहलाती है… और अगर कोई धनवान आदमी जमीन पर बैठ जाए तो ये उसका बड़ाप्पन कहलाता है….
Category: प्रेणास्पद शायरी
कह दो अंधेरों
कह दो अंधेरों से कही और घर बना लें, मेरे मुल्क में रौशनी का सैलाब आया है.
कैसी भी हो एक बहन
कैसी भी हो एक बहन होनी चाहिये……….। . बड़ी हो तो माँ- बाप से बचाने वाली. छोटी हो तो हमारे पीठ पिछे छुपने वाली……….॥ . बड़ी हो तो चुपचाप हमारे पाँकेट मे पैसे रखने वाली, छोटी हो तो चुपचाप पैसे निकाल लेने वाली………॥ . छोटी हो या बड़ी, छोटी- छोटी बातों पे लड़ने वाली,एक बहन… Continue reading कैसी भी हो एक बहन
अक्सर चाकू-छुरी वही खोलते है
अक्सर चाकू-छुरी वही खोलते है जो कमज़ोर होते है, वरना हम जैसों का तो सारा काम मान-सम्मान से ही हो जाता है।।
सारा जहाँ मिलता है
सारा जहाँ मिलता है… बस वो नहीं मिलता… जिसमे जहाँ मिलता है…!!
जैसे जैसे तू
जैसे जैसे तू हसीन दिखने लगी है… मेरी ✏ कलम और भी अच्छी शायरी लिखने ✔ लगी है…
जिस के होने से
जिस के होने से मैं खुद को मुक्कमल मानता हूँ मेरे रब के बाद मैं बस मेरी # माँ को जानता हूँ !!!
तू ज़ाहिर है
तू ज़ाहिर है लफ्जों में मेरे… मैं गुमनाम हूँ खामोंशियों मे तेरी…
आज सुबह सुबह
आज सुबह सुबह मौत बड़े गुस्से में आके मुझसे बोली की “मैं तेरी जान ले लूँगी” मैंने भी कह दिया की जिस्म लेना है तो ले ले जान तो कोई और ले गया है ll
अब मत करो
अब मत करो हमसे…तुम मोहब्बत की बातें, जिन किताबों से तुमने मोहब्बत सीखी है,वो लिखी भी हमने ही थी