हर रोज के मिलने से तक़ल्लुफ़ कैसा ?? चाँद सौ बार भी निकले तो नया लगता है!!
Category: प्यार
शायद लोगों की नजरो मे
शायद लोगों की नजरो मे हमारी कोई कीमत ना हो, लेकिन कोई तो होगा जो, हमारा हाथ पकड़ कर खुद पर नाज़ करेगा..
कौन कहता है
कौन कहता है पैसा सब कुछ खरीद सकता है, दम है तो टूटे हुए विश्वास को पाकर दिखाए…!!
हर शाम तुम्हारे साथ गुज़रेगी
तुम तो कहते थे अब हर शाम तुम्हारे साथ गुज़रेगी, क्या हुआ तुम बदल गए या तुम्हारे शहर में अब शाम नहीं होती?
आपके क़दमों में होगी
मुस्कुराते रहोगे तो दुनिया आपके क़दमों में होगी; वरना आंसुओं को तो तो आँखें भी जगह नहीं देती।
ग़ुलाम नहीं होता
लोग कहते हैं कि वक़्त किसी का ग़ुलाम नहीं होता, फिर तेरी मुस्कराहट पे वक़्त क्यूँ थम सा जाता है.!!!
ये याद रखना
भूल जाना मुझे पर ये याद रखना, रूह भी तेरी रोयेगी जब भी मेरा नाम आयेगा!
हर रोज के मिलने से
हर रोज के मिलने से तक़ल्लुफ़ कैसा ?? चाँद सौ बार भी निकले तो नया लगता है !!
छू जाते हो तुम
छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर.. ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं..
मेरे हाथ की वो लकीर
तुम मेरे हाथ की वो लकीर हो जो मेरे नसीब में नही |