लोग गिरते नहीं थे

लोग गिरते नहीं थे नज़रों से..!! इश्क़ के कुछ उसूल थे पहले..

सबको प्यार करने के लिए

सबको प्यार करने के लिए हम इस दुनिया में आए थे पर बीच में आप जरा ज्यादा पसंद आ गए|

रास्ता छोड़ देते हैं ….

रुकावटें तो जिंदा इंसानों के लिए हैं….। ‘अर्थी’ के लिए तो सब रास्ता छोड़ देते हैं ….।

कहां तलाश करोगे

कहां तलाश करोगे तुम दिल हमारे जैसा, जो तुम्हारी बेरूखी भी सहे ओर प्यार भी करे !

वो कहता है

वो कहता है की बता तेरा दर्द कैसे समझू, मैंने कहा की इश्क़ कर और कर के हार जा !!

आने लगा हयात को

आने लगा हयात को अंजाम का खयाल, जब आरजूएं फैलकर इक दाम बन गईं।

गुजरूँगा तेरी गली से

गुजरूँगा तेरी गली से अब गधे लेकर क्यों कि तेरे नखरों के बोझ मुझसे अब उठाए नहीं जाते….

ढूँढ़ा है अगर

ढूँढ़ा है अगर जख्मे-तमन्ना ने मुदावा, इक नर्गिसे-बीमार की याद आ ही गई है।

शब्द तो शोर है

शब्द तो शोर है तमाशा है भाव के बिंदु का बिपाशा है मरहम की बात होठो से ना करो मोन ही तो प्रेम की परिभाषा |

तुझ पे उठ्ठी हैं

तुझ पे उठ्ठी हैं वो खोई हुयी साहिर आँखें.. तुझ को मालूम है क्यों उम्र गवाँ दी हमने…

Exit mobile version