न जाने कब खर्च हो गये वो लम्हें

न जाने कब खर्च हो गये वो लम्हें…. . . जो छुपाकर रखे थे जीने के लिए…..!!

हमारी अधूरी कहानी

सोचने लगा हू बना लू अपनी एक कहानी, पर डर लगता है कि कही रह ना जाए “हमारी अधूरी कहानी”

दर्द की कीमत क्या है

किसी ने यूँ ही पूछ लिया हमसे कि दर्द की कीमत क्या है; हमने हँसते हुए कहा, “पता नहीं… कुछ अपने मुफ्त में दे जाते हैं।”

उलझा कर उन्हें कुछ अनसुलझे सवालों में

उलझा कर उन्हें कुछ अनसुलझे सवालों में.. .. आज जी भर के फिर मैंने देखा उन्हें..!!

रंग कितने अजीब है

तकदीर के रंग कितने अजीब है, अनजाने रिश्ते है फिर भी हम सब कितने करीब हैं !

रंग कितने अजीब है

तकदीर के रंग कितने अजीब है, अनजाने रिश्ते है फिर भी हम सब कितने करीब हैं !

खुदा से मोहब्बत है

तुमसे नहीं तेरे अंदर बैठे खुदा से मोहब्बत है मुझे, तू तो फ़क़त एक ज़रिया है मेरी इबादत का!

मौका दे दे

गालिब ने भी क्या खूब लिखा है… दोस्तों के साथ जी लेने का मौका दे दे ऐ खुदा… तेरे साथ तो मरने के बाद भी रह लेंगें ।

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