अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उंगलिया, जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।
Category: दोस्ती शायरी
ताज्जुब न कीजिएगा
ताज्जुब न कीजिएगा गर कोई दुश्मन भी आपकी खैरियत पूछ जाए.. ये वो दौर है जहाँ, हर मुलाकात में मकसद छुपे होते है
एक अच्छी माँ
एक अच्छी माँ हर किसी के पास होती है लेकिन एक अच्छी औलाद हर माँ के पास नहीं होती….
वो महफिल में नही
वो महफिल में नही खुलता है तन्हाई में खुलता है समंदर कितना गहरा है ये गहराई में खुलता है !!
उड़ा भी दो रंजिशें
उड़ा भी दो रंजिशें, इन हवाओं में यारो छोटी सी जिंदगी हे, नफ़रत कब तक करोगे !
आंच ना आये
आंच ना आये नाम पर तेरे,.. ख़ाक भले मेरा जीवन हो,.. अपने जहाँ मै आग लगा लें.. तेरा जहाँन जो रौशन हो..
तेरे शहर के कारीगर
तेरे शहर के कारीगर भी अजीब हैं ऐ दिल…. काँच की मरम्मत करते हैं , पत्थर के औजारों से..
समझ लेता हूँ
समझ लेता हूँ मीठे लफ्जों की कडवाहटें.. हो गया है अब जिंदगी का तजुर्बा थोडा बहुत..
तुम रुक ही जाओ
सुनो…तुम रुक ही जाओ ना मेरे पास, हमेशा के लिए; यूँ रोज़ आने-जाने में साहब, वक़्त बहुत लगता है !!
ये कहकर वापस कर दिया
दिल मेरा उसने ये कहकर वापस कर दिया… दुसरा दिजीए… ये तो टुटा हुआ है….!!