कब्र को देख के

कब्र को देख के, ये रंज होता है, दोस्त के इतनी सी जगह पाने के लिए कितना जीना पड़ता है|

ज्यादा कुछ नहीं

ज्यादा कुछ नहीं बदला ज़िंदगी में ,,, बस बटुए थोड़े भारी और रिश्ते थोड़े हलके हो गए हैं।

मेरी बेफिक्र अदा से

मेरी बेफिक्र अदा से लोगों में गलतफहमी बेहिसाब है, उन्हें क्या मालूम, मेरा वजूद फिक्र पर लिखी गई इक किताब है…!

नाराज क्यों होते हो

नाराज क्यों होते हो चले जायेंगे तुम्हारी जिन्दगी से बहुत दूर…… जरा टूटे हुए दिल के टुकङे तो उठा लेने दो….!!

इश्क क्या जिंदगी देगा

इश्क क्या जिंदगी देगा किसी को दोस्तों ये तो शुरू ही किसी पर मरने से होता है…!!

अधूरी हसरतों का

अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम पर, अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती…

यादों के सहारे

यादों के सहारे दुनिया नही चलती,बिना किसी शायर के महफ़िल नही बनती,एक बार पुकारो तो आए दोस्तों,क्यों की दोस्तों के बिना ये धड़कने नही चलती..

मोहब्बत का वो अंदाज़

मोहब्बत का वो अंदाज़ बड़ा निराला रखते है ,,तोड़ के शाख़ से गुलाब किताब में सुखा कर रखते है

चंद खाली बोतलें

चंद खाली बोतलें चंद हसीनो के खतूत बाद मरने के, मेरे घर से ये सामां निकला।

वो चूड़ी वाले को

वो चूड़ी वाले को अपनी पूरी कलाई थमा देते है जिनकी हम आज तक उंगलिया छूने को तरसते हैं|

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