बात छोटी है पर विचारणीय है… जिस धागे की गांठ खुल सकती हो, उस पर कैची मत चलाओ…!
Category: दोस्ती शायरी
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से, तो हमें आवाज़ दे देना…हम आज भी अकेले रहते है ॥
दोस्ती नज़रों से हो तो उसे कुदरत कहते हैं
दोस्ती नज़रों से हो तो उसे कुदरत कहते हैं, सितारों से हो तो उसे जन्नत कहते है, हुसन से हो तो उसे महोब्बत कहते है, और दोस्ती आप जैसे दोस्त से हो तो उसे किस्मत कहते है,
बचपन में मेरे दोस्तों के पास घड़ी नही थी
बचपन में मेरे दोस्तों के पास घड़ी नही थी, लेकिन समय सबके पास था। आज सबके पास घड़ी है पर समय नहीं।
रहता हूं किराये के घर में
रहता हूं किराये के घर में… रोज़ सांसों को बेच कर किराया चूकाता हूं…. मेरी औकात है बस मिट्टी जितनी… बात मैं महल मिनारों की कर जाता हूं…. जल जायेगा ये मेरा घर इक दिन… फिर भी इसकी खूबसूरती पर इतराता हूं…. खुद के सहारे मैं श्मशान तक भी ना जा सकूंगा… इसीलिए जमाने में… Continue reading रहता हूं किराये के घर में
दुनियाँ की हर चीज ठोकर
दुनियाँ की हर चीज ठोकर लगने से टूट जाया करती है दोस्तो… एक ” कामयाबी ही है जो ठोकर खा के ही मिलती है …!!
हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये
हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये , जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन सके !!
देखी जो नब्ज मेरी
देखी जो नब्ज मेरी, हँस कर बोला वो हकीम, जा जमा ले महफिल पुराने दोस्तों के साथ, तेरे हर मर्ज की दवा वही है …
मोह्ब्बत तो हो चुकी बस
मोह्ब्बत तो हो चुकी बस, अब तो सांस बाकी है दोस्त !!
अच्छा दोस्त जिंदगी को जन्नत बनाता है
अच्छा दोस्त जिंदगी को जन्नत बनाता है. इसलिए मेरी कद्र किया करो वर्ना फिर कहते फिरोगे बहती हवा सा था वो; यार हमारा वो; कहाँ गया उसे ढूढों!