कुछ ख्वाब देखे,फिर ख्वाहिश बनी,अब यादें है…
Category: दर्द शायरी
आपको पहचानना पड़ेगा.
“प्रशंसक” आपको बेशक पहचानते होंगे मगर “शुभचिन्तकों” को आपको पहचानना पड़ेगा.
तसल्लियां तो देते हैं
अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी। लोग तसल्लियां तो देते हैं, पर साथ नहीं।।
इजाज़त है तुम्हे
भूल सकते हो तो भूल जाओ इजाज़त है तुम्हे…. न भूल पाओ तो लौट आना एक और भूल की इजाज़त है तुम्हें…..
मर्जी वफा कर लो
कुछ नही मिलता जितनी मर्जी वफा कर लो किसी से… मेरे दोस्त… जब वक़्त वफ़ा ना करे तो…. वफादार भी बेवफा हो जाता है.
कार्य करने के लिए
परिणामो की चिंता करना हमारा कार्यक्षेत्र नहीं हे.. . . हम तो सिर्फ कार्य करने के लिए उत्तरदायी हे… ……
मुझे भी आता था
हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है, . उन्हें कैसे समझाऊ एक ख्वाब अधुरा है …. वर्ना जीना मुझे भी आता था….. …..
धड़कन तो इसे
अगर रुक जाये धड़कन तो इसे मौत न समझना…. अक्सर होता है ऐसा तुझे याद करते-करते….
प्रवचन देता है
आदमी सुनता है मन भर’. सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर; और खुद ग्रहण नही करता कणभर।
तुम खुद ही
मेरी नजर से कभी खुद को देखना, . तुम खुद ही खुद पे फिदा हो जाओगे…!!