Wo waqt guzar gaya, jab mujhe teri mohobbat ki aarzoo thi… Ab tu Khuda bhi ban jaye, to main tera sajdaa na karoo…
Category: जिंदगी शायरी
आँखों में थी
खूबसूरती देखने वाले की आँखों में थी । आईना यूँ ही करता रहा ख़ुद पे ग़ुरूर उम्र भर ।
Hazaron peer
Hazaron peer badlay hain Tera saaya nahi jaataa
रहती है छाँव
रहती है छाँव क्यों मेरे आँगन में थोड़ी देर, इस जुर्म पर पड़ोस का वो पेड़ कट गया
गुज़ारी न जा सकी
जो गुज़ारी न जा सकी हम से हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है ………..
आख़िरी हदों में
इश्क़ की आख़िरी हदों में हूँ राख़ हूँ और जल नहीं सकता !
आईना देख कर
आईना देख कर वो,मुस्कुरा के बोली…… बे-मौत मरेंगे…… मुझ पर मरने वाले…
कितना मुश्किल है
कितना मुश्किल है ज़िन्दगी का ये सफ़र; खुदा ने मरना हराम किया, लोगों ने जीना
बदलो के बीच
ना जाने बदलो के बीच, कैसी साजिश हुयी ….. मेरा घर था मिटटी का, मेरे ही घर बारिश हुयी
मोहब्बत का नतीजा
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा; जिनका दावा था वफ़ा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा।