ज़हर का सवाल नहीं था वो तो में पी गया तकलीफ़ लोगों को ये थी की में जी गया ।
Category: हिंदी शायरी
जब बरसी ख़ुशियाँ
दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे,,,!!!.. ऐ umar !!! जब बरसी ख़ुशियाँ न जाने भीड़ कहां से आ गयी.!!!
ज़िन्दगी तो अपने
ज़िन्दगी तो अपने ही दम पे जी जाती है यारों किसी के सहारे से तो जनाज़े उठा करते हैं
Tasveer Bhi Hai
Zindagi Tasveer bhi hai Aur Taqdeer bhi… Farq to Rango ka hai… Manchahe Rango se bane to Tasvir, Aur Anjaane Rango se bane to Taqdir…
तकलीफ़ लोगों
ज़हर का सवाल नहीं था वो तो में पी गया तकलीफ़ लोगों को ये थी की में जी गया ।
मरने के लिए
जहर … मरने के लिए थोडा सा.. ! लेकिन जिंदा रहने के लिए ……. बहुत सारा पीना पड़ता है
रात रोने से
रात रोने से कब घटी साहब बर्फ़ धागे से कब कटी साहब सिर्फ़ शायर वही हुए जिनकी ज़िंदगी से नहीं पटी साहब..
एहतियातन मेरी हिम्मत
इसे सामान-ए-सफ़र मान, ये जुगनू रख ले, राह में तीरगी होगी, मेरे आंसू रख ले, तू जो चाहे तो तेरा झूठ भी बिक सकता है, शर्त इतनी है के सोने का तराजू रख ले, वो कोई जिस्म नही है जिसे छु भी सके, अगर नाम ही रखना है तो खुशबु रख ले, तुझको अनदेखी बुलंदी… Continue reading एहतियातन मेरी हिम्मत
इश्क हो गया
बचपन से लेकर आज तक सिर्फ अच्छे काम ही किये…!!! बस गलती से इश्क हो गया…!!!
दौलत से नहीं
जब भी देखता हूँ .. किसी गरीब को हँसते हुए .. तो यकीन आ जाता है .. की खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं होता..