इस दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता, लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं। “और कितना वक़्त लगेगा”…
Category: व्यंग्य शायरी
शौक पूरे करो
शौक पूरे करो…. ज़िन्दगी तो खुद ही एक दिन पूरी हो जाएगी…!
इतना भी ना हो
उबाल इतना भी ना हो कि खून सूख कर उड़ जाए; धैर्य इतना भी ना हो कि, खून जमें तो फिर खौल ही ना पाए ।
रास्ते बदलो सिद्धान्त नहीं
यदि सपने सच नहीं हो तो रास्ते बदलो… सिद्धान्त नहीं। पेड़ हमेशा पत्तियाँ बदलते हैं…. जड़ें नहीं……
वो और थे
वो और थे जिनकी उल्फतें इंतज़ार में निखर गयीं ।। हमारी तुम्हारी तो तकरार में बिखर गयीं ।।
मोहब्बत का रिवाज
हमने तो उस शहर में भी तेरा इंतज़ार किया … जहाँ मोहब्बत का रिवाज न था..
कुछ ने कहा
कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा। हम भी वहीं मौजूद थे, हम से भी सब पूछा किए, हम हँस दिए, हम vचुप रहे, मंज़ूर था परदा तेरा। इस शहर में किस से मिलें हम से तो छूटी महिफ़लें, हर शख़्स तेरा नाम ले, हर शख़्स दीवाना तेरा। कूचे को तेरे… Continue reading कुछ ने कहा
भरे बाजार से अक्सर
भरे बाजार से अक्सर खाली हाथ ही लौट आता हुँ …… पहले पैसे नही थे, अब ख्वाहिशें नही रही…।।
मत पुछ वज़ह
मत पुछ वज़ह तु पसंद हैं बेवज़ह
क़ायनात की सबसे
क़ायनात की सबसे महंगी चीज एहसास है जो दुनिया के हर इंसान के पास नहीं होता