भरे बाजार से अक्सर खाली हाथ ही लौट आता हुँ
……
पहले पैसे नही थे, अब ख्वाहिशें नही रही…।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
भरे बाजार से अक्सर खाली हाथ ही लौट आता हुँ
……
पहले पैसे नही थे, अब ख्वाहिशें नही रही…।।