लेकर आना उसे मेरे जनाजे में, एक आखरी हसीन मुलाकात होगी..! मेरे जिस्म में जान न हो मगर, मेरी जान तो मेरे जिस्म के पास होगी..!!
Category: व्यंग्य शायरी
आज घोके मै है
अजीब उलजन मै हु मे दिल आज घोके मै है ओर घोकेबाज दिल मै……
Koi hamse pyaar
Koi hamse pyaar kare to ham jaise he vaise kare , koi hame badalkar pyar kare o pyaar nahi souda hai
ख़्वाब की तरह
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है ऐसी तन्हाई के मर जाने को जी चाहता है घर की वहशत से लरज़ता हूँ मगर जाने क्यूँ शाम होती है तो घर जाने को जी चाहता है डूब जाऊँ तो कोई मौज निशाँ तक न बताए ऐसी नद्दी में उतर जाने को जी चाहता है… Continue reading ख़्वाब की तरह
खुद को इतना
खुद को इतना भी मत बचाया कर बारिशे हो तो भीग जाया कर चाँद लाकर कोई नहीं देगा अपने चेहरे से जगमगाया कर दर्द हीरा है दर्द मोती है दर्द आँखों से मत बहाया कर काम ले कुछ हसीन होंठो से बातो-बातो मे मुस्कुराया कर धुप मायूस लौट जाती है छत पे कपडे सुखाने आया… Continue reading खुद को इतना
उम्र भर ..बस
उम्र भर ..बस उम्र का .. पीछा किया… काम हमने कौन सा .. सीधा किया ; . पांव जब .. जमने लगे .. मेरे कहीं दिल निकल भागा .. ज़हन रोका किया ; . रोशनी .. अपनी लुटा दी .. हर जगह.. पूछते हो तुम .. कि हमने क्या किया ; . राह चलते ..जब… Continue reading उम्र भर ..बस
है अनोखा यार
है अनोखा यार मेरा , न कोई उसके जबाब का शबनम भी मांगती है, उससे वो चेहरा गुलाब का क्या गर्दन सुराहीदार है भरी है मस्ती शराब की काजल ने चढ़ा रखी है उसके कमाने शबाब की तरिका नहीं है बाकी , अब कोई बचाव का अंगडाई ले के जुल्फें हैं गीली बिखेर दी सब… Continue reading है अनोखा यार
तू जुल्फे सँवारने
तू जुल्फे सँवारने में लगी थी और मैं जिंदगी
उनकी चाहत मेँ
उनकी चाहत मेँ हम यूँ बँधे हैं, कि वो साथ भी नहीं हैं, और हम आजाद भी नहीं हैँ !
फ़ासले इस कदर हैं
फ़ासले इस कदर हैं रिश्तों में, घर ख़रीदा हो जैसे क़िश्तों में