इश्क़ की गहराईयो से खूब सूरत क्या है, मैं हूं , तुम हो, और कुछ की जरूरत क्या है!!!
Category: शायरी
प्यासी ये निगाहें
प्यासी ये निगाहें तरसती रहती हैं; तेरी याद में अक्सर बरसती रहती हैं; हम तेरे ख्यालों में डूबे रहते हैं; और ये ज़ालिम दुनिया हम पे हँसती रहती है।
कोड़ी कोड़ी में
कोड़ी कोड़ी में बीके लोग… गुटनो पे टिके लोग… साला बरगद को चुनोती देते है … ये गमलो में उगे लोग !!
तू मोहोब्बत है
तू मोहोब्बत है मेरी इसलिए दूर है मुझसे… अगर मेरी जिद्द होती तो देर शाम तक मेरी बाहो में होती ..!!
आदत मेरी अंधेरो से
आदत मेरी अंधेरो से डरने की डाल कर… एक शक्श मेरी जिंदगी को रात कर गया ..!!
नज़र को नज़र की
नज़र को नज़र की खबर ना लगे, कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे, आपको देखा है बस उस नज़र से, जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे..!!
सीने पे तीर खा कर
सीने पे तीर खा कर भी अगर कोई मुस्कुरा दे तो…… निशाना लाख अच्छा हो मगर बेकार जाता है.
रिवाज़ तो यही हैं
रिवाज़ तो यही हैं दुनिया का, मिल जाना बिछड़ जाना, तुमसे ये कैसा रिश्ता हैं, ना मिलते हों, ना बिछड़ते हों !
कोई सुलह करा दे
कोई सुलह करा दे जिदंगी की उलझनों से…बड़ी तलब लगी है आज मुस्कुराने की …!!
पता नहीं क्या रिश्ता था
पता नहीं क्या रिश्ता था टहनी से उस पंछी का.. उसके उड़ जाने पर वो बड़ी देर तक काँपती रही..!