तुमसे मिलने का हमने निकाल लिया एक रास्ता….. झांक लेते हैं दिल में …आँखों को बन्द करके…!
Category: वक़्त शायरी
हमारी उम्र नहीं थी
हमारी उम्र नहीं थी इश्क़ करने की बस तुम्हे देखा और हम जवां हो गए
कौन कमबख़्त चाहता है
कौन कमबख़्त चाहता है सुधर जाना हमारी ख़्वाहिश तुम्हारी लतों में शुमार हो जाना !
ये मशवरा है
ये मशवरा है कि पत्थर बना के रख दिल को ये आईना ही रहा तो जरूर टूटेगा
दिल दुखाती थी
दिल दुखाती थी जो पहले अब रास आने लगी है अब उदासी रफ़्ता-रफ़्ता दिल को भाने लगी है…!!
ज़िन्दगी क्या है
ज़िन्दगी क्या है जानने के लिए ज़िंदा रहना बहुत ज़रूरी है
समझनी है जिंदगी
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी को तो आगे देखो …..!!
तुम सावन का महीना
तुम सावन का महीना हो मै तुझपे छाया हूँ झूले की तरह|
हमें मालूम है
हमें मालूम है हम से सुनो महशर में क्या होगासब उस को देखते होंगे वो हम को देखता होगा।।
सबकी अपनी अपनी परेशानियाँ है
सबकी अपनी अपनी परेशानियाँ है जनाब, वरना,मेरी तरह शायरियों में कौन अपना वक़्त बर्बाद करता है..!!