एक युग था आँसूओं से मैल धो लेते थे सब… अब जरा सी बात पर खंज़र भी है, पत्थर भी है..
Category: वक़्त शायरी
खूबसूरत सा रिश्ता
बड़ा खूबसूरत सा रिश्ता है तेरा और मेरा.. न तूने कभी बाँधा और न मैने कभी छोड़ा !!
जरुरी नहीं की
जरुरी नहीं की काम से ही इंसान थक जाए फ़िक्र…धोके.. फरेब भी थका देते है इंसान को… जिंदगी में मेरे दोस्त ..
पतझड़ को भी
पतझड़ को भी तू फुर्सत से देखा कर ऐ दिल, बिखरे हुए हर पत्ते की अपनी अलग कहानी है।
परछाई बनने मे नही है..!!
जो आनंद अपनी छोटी पहचान बनाने मे है, वो किसी बड़े की परछाई बनने मे नही है..!!
कितना भी समेट लो..
कितना भी समेट लो.. हाथों से फिसलता ज़रूर है.. ये वक्त है साहब..बदलता ज़रूर है…
कुछ लोग दिखावे की
कुछ लोग दिखावे की, फ़क़त शान रखते हैं, तलवार रखें या न रखें, म्यान रखते है!
तेरी चाहत तो
तेरी चाहत तो मुक़द्दर है, मिले न मिले… राहत ज़रूर मिल जाती है, तुझे अपना सोच कर…
मेरी ख़ामोशी से
मेरी ख़ामोशी से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता… और शिकायत में दो लफ्ज़ कह दूँ तो वो चुभ जातें है…!!!
ज़मीन से ही नज़र आता है
आसमान जो इतना बुलंदी पर इतराता है, भूल जाता है ज़मीन से ही नज़र आता है।