बस तेरी ख़ामोशी जला देती है

बस तेरी ख़ामोशी जला देती है मेरे दिल को , बाकी सब अंदाज़ अछे है तेरी तस्वीर के . . .

हवा के साथ बहने का मज़ा

हवा के साथ बहने का मज़ा लेते हैं वो अक्सर, हवा का रुख़ बदलने का हुनर जिनको नहीं आता।

मोहब्बत का राज

मोहब्बत का राज उस वक़्त खुल गया, दिल जब उसकी कसम खाने से मुकर गया।

क्या इल्जा़म लगाओगे

क्या इल्जा़म लगाओगे मेरी आशिकी पर, हम तो सांस भी तुम्हारी यादों से पूछ कर लेते है..

बदन के घाव दिखा कर

बदन के घाव दिखा कर जो अपना पेट भरता है, सुना है, वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है!

ज़बान कहने से

ज़बान कहने से रुक जाए वही दिल का है अफ़साना, ना पूछो मय-कशों से क्यों छलक जाता है पैमाना !!

कलम खामोश पड़ी है

कलम खामोश पड़ी है मेरी, या तो दर्द दे जाओ या फिर मोहब्बत..

हम इजहार करने मे

हम इजहार करने मे , थोडे ढीले हो गए । और इस बीच उन के, हाथ पीले हो गए.

उठाना खुद ही पड़ता है

उठाना खुद ही पड़ता है, थका टुटा बदन अपना…… कि जब तक सांस चलती है कोई कांधा नही देता….

हमसे मोहब्बत का

हमसे मोहब्बत का दिखावा न किया कर… हमे मालुम है तेरे वफा की डिगरी फर्जी है|

Exit mobile version