ऐतबार ना कीजिये

फूल भी दे जाते हैं ज़ख़्म गहरे कभी-कभी… हर फूल पर यूँ ऐतबार ना कीजिये…

शायर बनना है

मुझे शायर बनना है दोस्तो, क्या एक बेवफा से इश्क कर लूँ

हम प्यार देते है

नफरत को हम प्यार देते है ….. प्यार पे खुशियाँ वार देते है … बहुत सोच समझकर हमसे कोई वादा करना.. ” ऐ दोस्त ” हम वादे पर जिदंगी गुजार देते है

थक हार के

आखिर थक हार के, लौट आया मै बाज़ार से….!! यादो को बंद करने के ताले , कही मिले नही….!!!

कूछ रिश्तों के

आज कि बात कूछ रिश्तों के नाम नही होते. कूछ रिश्ते नाम के होते है.

पहले भी तुम

छोटी सी लिस्ट है मेरी “ख़्वाहिशों” की पहले भी तुम और आख़िरी भी तुम

मेरे पत्थर के

हाथ मेरे पत्थर के, पत्थर की हैं मेरी उंगलियां, दरवाज़ा तेरा काँच का, मुझसे खटखटाया न गया…

तू जिंदगी में आई

दोनों ही बातों से तेरी एतराज है मुझको.. क्यों तू जिंदगी में आई और क्यों चली गई..

दोस्तो समुंदर मे

तूफान दर्द का चला तो सवार जाऊंगा , मे तेरी जुल्फ नही जो यू बिखर जाऊंगा , यहा से उड़ूँगा तो ये ना पूछो के कहा जाऊंगा , मे तो दरिया हू दोस्तो समुंदर मे समा जाऊंगा .

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